“चाय” हो, या “चाह” रंग एकदम पक्का होना चाहिए।
“फिक्र” हो, या “ज़िक्र” रिश्तों में अपनापन होना चाहिए।
जीवन में “हीरा” परखने वाले से “पीड़ा” परखने वाला ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
“चाय” हो, या “चाह” रंग एकदम पक्का होना चाहिए।
“फिक्र” हो, या “ज़िक्र” रिश्तों में अपनापन होना चाहिए।
जीवन में “हीरा” परखने वाले से “पीड़ा” परखने वाला ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।